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University of Groningen Large-scale 21-cm Cosmology with LOFAR and AARTFAAC Gehlot, Bharat Kumar

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Academic year: 2021

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Large-scale 21-cm Cosmology with LOFAR and AARTFAAC

Gehlot, Bharat Kumar

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Publisher's PDF, also known as Version of record

Publication date: 2019

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Citation for published version (APA):

Gehlot, B. K. (2019). Large-scale 21-cm Cosmology with LOFAR and AARTFAAC. University of Groningen.

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हदी सारांश

सामा य संग

ांड और उसके घटक के नमाण और उ ां त को समझना आधु नक व ान क सबसे बड़ पहे लय म से एक है। समय के साथ तकनीक ग त ने अ याधु नक रबीन और तेज क यूटर के नमाण म सहायता क है, जनका उपयोग नवीन एवं व श खगोल भौ तक य त य को उजागर करने के लए कया जा रहा है जो ांड के नमाण और उ ां त क इस पहेली को सुलझाने म सहायता करते ह। पृ वी और अंत र म था पत व भ न कार क रबीन ने हम नजदीक ांड क खगोल भौ तक को समझने के साथ-साथ ांड क उ प और उ ां त के स ब ध म ढ़ माण दान कये ह। खगोल व ान और ांड व ान के े म " बग बग" (Big Bang) स ांत ांड क उ प का सबसे ापक प से वीकृत मॉडल है। इस स ांत के अनुसार, ा ड एक वल णता से शु आ जसम एक महा व फोट था जसे " बग बग" कहा जाता है। यह नवजात ांड पदाथ और व करण के बीच अनु या के कारणवश अपारदश था; अथात् फोटॉन (photons) और बेरयाॅन (Baryons यानी साधारण पदाथ बनाने वाले कण) के बीच अनु या के कारण व करण र तक फैल नह सकता था। अपने ज म के लगभग 380,000वष के बाद ांड पया त प से ठंडा हो गया। इसके प रणाम व प फोटॉन और बेरयाॅन के बीच अनु या समा त ई और व करण ांड क गहराई म सार हो गया, जसके प रणाम व प ांड लगभग पारदश हो गया। इस अवशेष व करण को वतमान ांड म "कॉि मक माइ ोवेव बैक ाउंड" (Cosmic Microwave Background or CMB) व करण के प म देखा जा सकता है।

इस अव था म ांड लगभग पूणतः उदासीन (neutral) था, और लु त होती अवशेष व करण के अलावा ांड म न तो कोई तारे थे और न ही आकाशगंगाएं। ांड के इ तहास म इस अव ध को अंधकारमय युग (Dark Ages) के नाम से जाना जाता है। Dark Ages के दौरान, गु वाकषण अि थरता के कारण उदासीन हाइ ोजन गैस अ धक घन व वाले मंडलो म संगृहीत होने लगी। फलतः इस गैस से पहले तार और आकाशगंगा ने ज म लया, जसके फल व प ांड य अ णोदय (Cosmic Dawn or CD) क शु आत ई। पहले चमकदार तार से नकले व करण ने आसपास के इंटर टेलर मा यम (तार के बीच का अंत र ) और इंटरगैलेि टक मा यम (आकाशगंगा के बीच का अंत र ) म वत रत उदासीन हाइ ोजन गैस

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Figure 3 – ांड के इ तहास के 13.8 अरब वष का च ण। इनसेट छ वयां अलग-अलग रबीन को दशाती ह, अथात् लक, NCLE, LOFAR, JWST और VLT जो ांड के इ तहास म व भ न युग क जांच करने के

लए उपयोग कए जा रहे ह (जाएंगे)। यह छ व NAOJ के मूल च का संशोधन करके बनाई गयी है।

को त त और आय नत5 कया। इस वशेष युग को पुनःआयनीकरण युग (Epoch of Reionization

or EoR) कहा जाता है। Dark ages, Cosmic dawn और reionization युग के बारे म हमार वतमान समझ मु य प से अ य पयवे ण पर आधा रत है। इन युग के बारे म कई मुख न ह जो अनु रत ह, जसके कारण ांड के बारे म हमारा वतमान ान अपूण है। जैसे क 'इन युग क सही समय और अव ध या थी?' 'पहले तार का नमाण कब आ और उनके गुण या थे (जैसे, आकार, मान, काशमानता)?' 'इन पहली आकाशगंगा के गुण या थे ?, जैसे, उनका आकार, मान, कार, आकृ त व ान आ द'। इन नो के उ र ढूंढ़ने के लए इन युग का य पयवे ण करना बेहद मह वपूण है, ता क ांड के पहले तार और आकाशगंगा क कृ त और आसपास के मा यम के साथ उनक अनु या क ापक समझ म सुधार हो। च मांक 3 ांड के इ तहास के रेखा च और ांड के इ तहास म व भ न युग क जांच करने वाले उपकरण को दशाता है।

ांड संबंधी 21-cm योग

ांड म हाइ ोजन सबसे चुर मा ा म मौजूद त व है और सभी बेरयाॅन पदाथ का लगभग 75% ह सा बनाता है। उदासीन हाइ ोजन परमाणु क 'हाइपरफाइन ांजीशन' (hyperfine transition) नामक एक अनूठ वशेषता है जसमे 1.4 GHz क आवृ (यानी, लगभग 21 cm क तरंग दै य) वाले एक फोटॉन के अवशेषन या उ सजन के कारण उदासीन हाइ ोजन परमाणु के ोटॉन और इले ॉन के दो ि पन के संरेखण म प रवतन होता है। इस वण मीय वशेषता को "21-cm line" के प म भी जाना जाता है। पहली बार 1944म डच खगोलशा ी Hendrik van de Hulst ारा 21-cm line क भ व यवाणी क गई थी और बाद म 1951 म Milky Way के पयवे ण म इसको खोजा गया था। चूं क शशु ांड उदासीन हाइ ोजन से भरा था, उस ारि भक युग के दौरान 21-cm line का उ सजन या अवशोषण म नपाई ांड 5 आय नकरण एक या है जसके ारा इले ॉन को खोने या ा त करने के बाद एक परमाणु सकारा मक या नकारा मक

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क भौ तक ि थ तय क एक उ कृ जाँच है। ांड के व तार के कारण अपने नदश तं म 21-cm line का तरंग दै य बढ़ जाता है (यानी, redshifted हो जाता है)। वतमान ांड म, Dark ages, CD, और EoRसे आने वाली redshifted 21-cm क आवृ लगभग 50 से 200 MHz (1.5 से 6 मीटर तरंग दै य) क सीमा म आती है। इस सीमा म येक आवृ शशु ांड म अलग अलग युग को दशाती है। अलग-अलग तरंग दै य म 21-cm रे डएशन का पयवे ण करने से उ कासी ांड के -आयामी त प का नमाण संभव है।

CDऔर EoR युग से इस redshifted 21-cm signal को मापने के लए पूरे व म कई पयवे णीय यास जार (या योजनाब ) ह। इन "21-cm योग " को मोटे तौर पर दो े णय म वग कृत कया जा सकता है: Global-signal योग और Power-spectrum योग। Global-signal योग का उ े य शशु ांड के साव क (औसत) गुण और ा ड य समय के साथ वकास का अ ययन करना है। ये योग अपे ाकृत सरल उपकरण का उपयोग करते ह, उदाहरण व प एकल डाईपोल ऐ टेना (dipole antenna), जो एक न त समय पर लगभग पूरे आकाश का नर ण करते ह। सर ओर, power-spectrum योग 21-cm स नल म थानल ी भ नता को मापने पर यान क त करते ह। power-spectrum योग के लए ब त बड़े और अ धक संवेदनशील उपकरण क आव यकता होती है, उदाहरण व प रे डयो ऐ टेना के बड़े ूह जनको इंटरफेरोमीटर (interferometer) कहा जाता है। 21-cmकॉ मोलॉजी म पयवे ण संबंधी चुनौ तयां CDऔर EoR युग से आने वाला redshifted 21-cm स नल बेहद कमजोर होता है। इसके अलावा, यह कमजोर स नल सर आकाशगंगा और हमार Milky Way आकाशगंगा के तेज व करण ( जसे foreground व करण '' के प म भी जाना जाता है) से षत हो जाता है, जो क 21-cm स नल क तुलना म हजार गुना तेज है। इसके अलावा, पृ वी के वायुमंडल क ऊपर परत, जसे आयनो फ यर (ionosphere) कहा जाता है, अपने से गुजरने वाले स नल को वकृत कर देती है। इसके अलावा, मानव-न मत ोत जैसे टेली वजमानव-न रसीवर, एफएम रे डयो, उप ह संचार से रे डयो- वसी इंटरफेरस (Radio Frequency Interference or RFI) भी अपे त संकेत को षत करते ह। ये सभी सं षक 21-cm स नल को ढूंढ़ने के काय को अ यंत चुनौतीपूण बना देते ह। वतमान म सबसे संवेदनशील रबीन को भी इस स नल का पता लगाने के लए हजार घंटे आकाश के नर ण क आव यकता होती है। इसके अ त र

रबीन के अ व सनीय प से सटीक स नल सुधार ( जसे calibration कहा जाता है) और इन सं षक को सटीक प से हटाने क भी आव यकता होती है।

LOFARऔर AARTFAAC के साथ 21-cm कॉ मोलॉजी

LOFAR (Low Frequency ARray या लो वसी एरे) नीदरलड म था पत एक नई पीढ़ क अ याधु नक रे डयो रबीन (इंटरफेरोमीटर या interferometer) है। LOFAR को 30-200 MHz आवृ सीमा के बीच आकाश का नर ण करने के लए डज़ाइन कया गया है। अपने अनूठे डज़ाइन के कारण, LOFAR रबीन अ व सनीय प से संवेदनशील है और ारं भक ांड से आने वाले 21-cm स नल को मापने म स म है। LOFAR-EoR मुख व ान प रयोजना का उ े य EoR से आने वाले redshifted 21-cm स नल के power spectrum को मापना है। LOFAR-EoR अनुसंधान टीम 21-cm कॉ मोलॉजी म पयवे ण संबंधी चुनौ तय जैसे क foreground व करण, ionosphere ारा व पण, RFI, डेटा सं करण और व ेषण चुनौ तय और ा ड संबंधी 21-cm स नल का पता लगाने जैसे वषय पर अनुसंधान कर रही है। इसके अ त र , LOFAR-EoR अनुसंधान टीम ने AARTFAAC रबीन का उपयोग करके AARTFAAC Cosmic Explorer (ACE) नामक एक

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दीघका लक पयवे ण काय म भी शु कया है। AARTFAAC (Amsterdam-ASTRON Ra-dio Transients Facility And Analysis Center)एक LOFAR पर आधा रत रबीन है जो LOFARक संवेदनशीलता को बनाए रखते ए आकाश के एक छोटे से े तक सी मत रहने के बजाय पूण-आकाश क त वीर बनाने म स म है। AARTFAAC क यह मता इसे redshifted 21-cm स नल म बड़े पैमाने पर था नक बदलाव को मापने के लए एक उ कृ उपकरण बनाती है। इस शोध बंध म मने जो काय तुत कया है, वह मु य प से 21-cm Cosmic Dawn योग जैसे LOFAR और ACE और अगली पीढ़ के रबीन जैसे Square Kilometre Array (SKA), Hydrogen Epoch of Reionization Array (HERA)और NENUFAR म 21-cm स नल पयवे ण संबंधी चुनौ तय को समझने पर क त है।

यह शोध बंध

तीय अ याय म म LOFAR Low Band Antenna (LBA) ारा आकाश के एक वशेष े के पयवे ण का उपयोग करके Cosmic Dawn योग म कई पयवे ण संबंधी चुनौ तय पर चचा करता ँ। कम आवृ त वाले पयवे ण योग म सं षण भाव अ धक गंभीर हो जाते ह और 21-cm स नल मापने के लए इन सं षण भाव को हटाने या कम करने क आव यकता होती है। म इन सं षण भाव को नधा रत और र करने के लए व भ न तकनीक के बारे म चचा और उनका का उपयोग करता ँ। तृतीय अ याय म म LOFAR-LBA के साथ पयवे ण कए गए दो आकाश े को calibrate 6 करने के लए एक व श प त तुत करता ँ। इसके अ त र म तीय अ याय म पाए गए प रणाम का इ तेमाल करके डेटा सं करण और व ेषण क गुणव ा म सुधार करता ँ। म पयवे ण डेटा से foregroundsहटाने के लए Gaussian Process Regression नामक एक तकनीक का उपयोग भी द शत करता ँ। अंत म म संसा धत डेटा से 21-cm स नल के power spectrum को मापता ँ। इस व ेषण म मने देखा क Cosmic Dawn से आने वाले 21-cm स नल का आयाम 14 केि वन के नीचे है। चौथे अ याय म म ACE काय म म पयवे ण के थम प रणाम तुत करता ँ। मने 6 घंटे के ACE डेटा पर LOFAR डेटा सं करण पाइपलाइन के उपयोग का दशन कया। ACE एक वशेष मोड म आकाश को देखता है जो क LOFAR से अलग है। इस लए, मने ऐसे डेटा का सं करण और उसका व ेषण करने के लए एक संशो धत प त तुत क । पहले प रणाम से मने यह न कष नकाला क ACE म Cosmic Dawnसे 21-cm स नल का पता लगाने क मता है, बशत क पयवे ण संबंधी चुनौ तय का यूनीकरण संभव हो।

पाँचवे अ याय म म AARTFAAC High Band Antenna णाली का इ तेमाल करके बनाए गए पहले च तुत करता ं। मने पाया क AARTFAAC-HBA के साथ न मत छ वय म बखरा आ व करण एक चुंबक य े म वरण करने वाले इले ॉन ( स ो ॉन व करण) ारा उ स जत ह। मने सुग ठत ोत और इस बखरे ए व करण को मॉडल करने के लए दो तकनीक को तुत कया और उनक तुलना क । मने न कष नकाला क आकाश के सटीक त प का उ पादन करने के लए इन दो तकनीक को जोड़कर बनी ई एक संकर प त क आव यकता है।इस कार का सटीक त प calibration या क गुणव ा म सुधार करने म मदद करेगा। हालाँ क 21-cm स नल अभी भी इन रबीन क प ँच से र है, इस शोध बंध म तुत क गय व भ न 6 एक अ ात माप के मू य को ात मानक मान से तुलना करने क या को calibration कहते ह।

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तकनीक एवं सीखे गए पाठ इस कमजोर ांड य संकेत को मापने के लए योग म पयवे ण संबंधी चुनौ तय को कम करने या मटाने म उपयोगी सा बत ह गे।

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Referenties

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